क्या है महावीर स्वामी महापूजन?
क्या है महावीर स्वामी महापूजन? यह प्रश्न मुझे कई लोग पूछ रहे हैं. अभी कुछ दिन पूर्व ही मैंने इस जैन एंड जैनिज़्म ब्लॉग में लिखा था की कोलकाता के महावीर स्वामी मंदिर के १५० वर्ष प्रारम्भ होने के उपलक्ष्य में ६ फरबरी, २०१७ को श्री महावीर स्वामी महापूजन पढ़ाई जाएगी। यह पूजा विश्व में पहली बार होने जा रही है इसलिए इसके बारे में जानने की इच्छा होना स्वाभाविक ही है. मैंने उस ब्लॉग पोस्ट में यह भी लिखा था की यह पूजा जैन आगम ग्रन्थ सूयगडांग (सूत्रकृतांग) पर आधारित है.
कोलकाता के महावीर स्वामी मंदिर के १५० वर्ष प्रारम्भ होने के उपलक्ष्य में ६ फरबरी, २०१७ को श्री महावीर स्वामी महापूजन पढ़ाई जाएगी। यह पूजा विश्व में पहली बार होने जा रही है. यह पूजा आगम ग्रन्थ सूयगडांग (सूत्रकृतांग) सूत्र पर आधारित है. अवश्य पधारें. अवसर न चुकें।
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महापूजन का एक दृश्य १ |
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महापूजन का एक दृश्य |
सूयगडांग (सूत्रकृतांग) सूत्र के प्रथम श्रुतस्कंध के छठे अध्याय में प्रभु महावीर की स्तुति की गई है जिसमे लोगों के पूछे जाने पर गणधर श्री सुधर्मा स्वामी ने भगवान् महावीर के अतिशय युक्त जीवन के सम्वन्ध में बताया है. इन्ही सूत्रों के आधार पर सर्वप्रथम भगवान् महावीर की अष्टप्रकारी पूजा होगी। इसके बाद दशाश्रुतस्कन्ध नाम के आगम के आधार पर भगवान् के कल्याणकों की पूजा होगी. तत्पश्चात भगवान् के अष्ट प्रातिहार्य व अतिशयों की पूजा होगी जिसका आधार सूयगडांग (सूत्रकृतांग) सूत्र के प्रथम श्रुतस्कंध के बारहवें अध्याय "समवशरण"व समवायांग सूत्र (चौथा अंग) होगा।
इसके बाद स्थविरावली (कल्पसूत्र) एवं गणधरवाद (विशेषावश्यक भाष्य) के आधार से ग्यारह गणधरों की व साथ में प्रभु महावीर के चौदह हज़ार साधु व छतीस हज़ार साध्वी भगवंतों की पूजा होगी। तत्पश्चात उपासक दशांग सूत्र में वर्णित दस प्रतिमाधारी श्रावकों की व भगवान् के कुल एक लाख उनसठ हज़ार श्रावकों की व तीन लाख अठारह हज़ार श्राविकाओं की पूजा होगी।
इन सबके अतिरिक्त भगवान् महावीर के माता पिता, शासन देव-देवी, अष्ट मंगल, नवनिधि, नवग्रह, दस दिकपाल आदि का आह्वान पूजन आदि भी विधि विधान से संपन्न होगा। महावीर स्वामी महापूजन के साथ ही शिखर पर ध्वजारोहण भी विधि पूर्वक कराया जायेगा।
जैन आगमों की रूपरेखा एवं इतिहास
श्री महावीर स्वामी मन्दिर, कोलकाता का सार्द्ध शताब्दी महोत्सव
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